न मिल पाने की शायरी | Dard Zindagi Sad Shayari | Instagram Sad Shayari | Sad Status For Whatsapp
Dard Zindagi Sad Shayari in Hindi | न मिल पाने की शायरी
तुझे खोने का डर था
पाने की थी चाहत
अब ना डर रहा
ना रही चाहत
लाश बन गया है वो दिल
जिसे कल तक तेरी तलाश थी
मैंने छोड़ दिया कुछ फैसले किस्मत पर
वो मेरा होगा तो लौट कर ज़रूर आएगा
तेरे दिए हुए जख्म इतने है
गर किसी से इसकी शिकायत करूँ
तो ज़िन्दगी बीत जाएगी
प्यार और दर्द का मतलब एक ही था यार
बस हमने इसे समझने में ज़िन्दगी बर्बाद कर दी
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शहर भर को शिकायत हो गई है
मगर मुझको तो आदत हो गई है
अब मेरे नाम पे अंजान बन गई वो
शायद मुझसे उसको नफरत हो गई है
जा देख लिया तेरा भी प्यार में हद से गुजरना,
वादा करना ,मुकरना,वादा करना फिर मुकरना।
हजार ख्याल हैं मेरे जहन में,
बस दिल ही खाली खाली रहा।
अब खुदा चाहे तो कोई करामात हो,
जिस्म से सांसे कब की जुदा हो चुकी हैं।
खुदा तू अपना रुतबा दिल तोड़ने वाले को दिखा,
जब तू नाराज होता है तो क्या क्या तोड़ता है।
अपनी मोहब्बत को ढूंढती रही वो पाती।
नहीं दिन में चैन रोती रही वो राती।
कहीं कोई शक्स दिख जाये तो पूछूं।
बंद लिफाफे में कैसे मोहब्बत समाती
ज़माने को भरोसा होगा तुझ पर
मेरा भरोसा उस दिन ही खत्म हुआ
जिस दिन मोहब्बत में जिस्म का सौदा हुआ
अब तक खामोश थी तेरी नादानी पर
फिर सोचा जिस्मो की बात करने वाला
नादान कैसे हुआ
काश मेरा प्यार भी तुम्हारे जैसा हो जाए
दिल को दीदार हर किसी से हो जाए ।
हम भी तुमको खुद की तरह रुला पाए
ज़िन्दगी में ऐसा चमत्कार भी हो जाए ।
आहिस्ता से छूना उसे
उसके गोरे गालों पर निशान बन जाते है।
थोड़ी सी बुद्धू है वो
प्यार से समझाना उसे चिल्लाने से ऑखो मे ऑसु आ जाते है ।
खैर अब वो जिद तो नहीं करेगी
अगर कर भी दे तो दिलाना उसे ना मिलने से सिर नोच जाती है ।
मैं कहता हूं बहुत अनमोल है वो
प्यार देना उसे वो तुम्हारी जिंदगी बन जाएगी
सुनो जोर तो नहीं है तुम पर
फिर भी कहूंगा आहिस्ता छूना उसे ।
किसी की इज्जत करना बहुत अच्छी बात है।
लेकिन उससे भी अच्छी बात है खुद की इज्जत करना।
आज का रिश्ता मतलबी है
मतलब तक मतलब रखना है
बार – बार सोचता हूँ मतलब तक रहने की ये दिल आदत से मज़बूर है
दिल से लगाव लगाना शुरू कर देता है
फिर क्या अक्सर दिल किसी रिश्ते से ही दुखता है
उसे फ़िक्र नहीं है इस दिल की
जिस दिल ने उसको प्यार से सवांरा है
दर्द आपको और सख्त बनाती है
इसका इरादा आपको तोड़ना नहीं है
दर्द वहीं से शुरू होता है
जहाँ से उम्मीद अधूरा होता है
क्या सुनाऊ अपनी प्रेम कहानी बस इतना समझ लो
मैंने उससे प्यार किया था जिसकी औकात नहीं थी प्यार को पाने की
दिल दुखता है बहुत
जब ख्वाइशे पूरी नहीं होती
कोई भी रुला दे
इतना भी कमजोर मत बनो
काश कोई ऐसा मिल जाये
जो कुछ चीज़े बिना कहे समझ जाये
नादान दिल अक्सर उसे ही पाने की ज़िद करता है
जिसके पास हमारे लिए वक़्त ही नहीं है
तकदीर में कौन है पता नहीं
दिल में अक्सर अधूरा प्यार रहता है
जिसे खुदा माना था
उसकी खुदारी ने रुला दिया
ये तो तुम ही जानते हो कि
तुम्हें कितने मौके मिले
पर तुम ये न जानते की
वो मौके सिर्फ तुम्हें मिले।
कभी-कभी रिश्तों में नासमझी
एक अहम रिश्ते को टूटने से बचाती है।
उफ ये गुलाबी सर्दी
और उसमें ये मीलों की दूरी।
कहने को तो खामोशी थी
पर ध्यान से सुना तो
बातें बहुत मिली।
मंजर में दिलकशी छाई है
हवाएं मेरे महबूब की खबर लाई है।
ज़रा गौर करो उन बातों
पर
जो सालों से वो कहता है
तुम्हारी ही फिक्र में
हर पल वो रहता है।
क्या करोगे उन झूठे लोगों
और उनके वादों का
जब सच्चा और अच्छा इंसान ही
जिंदगी से चला जाएगा
फिर वो सिर्फ एक याद बनकर
ही जिंदगी में रह जाएगा।
समझ का ताना मुझे भी पड़ा
समझ की बात भी नासमझ ने कही
आधी समझ से पूरा ताना बाना बुना
मैं भी नासमझ मानकर दरकिनार हो गई हो
उस इंसान की क्या बात कहुं
लफ़्ज़ों में जिसके सिर्फ प्यार है
अनकही बातों को भी समझें ऐसा
मेरा यार है।
जिंदगी में अब बहुत सुकून है
कोई पहली दफा मुझे मेरी ही
तरह समझ रहा है।
मुझे तो सिर्फ तुम्हारा साथ चाहिए
बेफिजूल के वादे तो दुनिया अक्सर करती है।
वार- ए- कातिल कहलाया भी
तो कौन उनकी निगाहें
वो जब भी हमारी तरफ उठी
बस दिल थम सा गया।
जिंदगी में एक प्यारा एहसास हो तुम
जिसे लफ़्ज़ों में बयां करना मुश्किल है।
चाहे रिश्ता प्यार का हो
या दोस्ती का
कोई भी रिश्ता स्वयं से न तोड़ा
कहने को तो खामोशी थी
पर ध्यान से सुना तो
बातें बहुत मिली।
मिलना ही है तो
खुशी से मिलो
ये दुनिया की रीत
तो सब निभाते हैं।
तुम बात तो शुरू करो
जख्म पर मरहूम लगाना
हमारी जिम्मेदारी है
जब जिंदगी में अंधेरा था
तब तुम सवेरा बनकर आए
वो रोशन कर जिंदगी
तुम उजाला बनकर छाए
बरसती है बूंदें
और दिलाती है तुम्हारी याद।
तुम्हारा तो बस
वक्त ही बुरा था
हमें तो जमाने ने
बुरा बनाया है
जो सुना तूने
वो मेरे बारे में सच था नहीं
पर गैरों पर एतबार किया तूने
क्योंकि यार तू मेरा था नहीं
बेईमानी भी तेरे
इश्क ने सिखाई थी
तू पहली चीज है
जिसे मां से छुपाई थी
नाराज़ नहीं हूं
न अभिमान आया है मुझमें
बस हर दफा पहली पहल कर
थक चुकी हूं।
सुना है तुम याद कर रहे हो,
हमें भी हिचकियां आने लगी है।
बस रिश्ता ख़ास था,
इसलिए चुप थे,
वरना बातें तो हमारे
पास भी बहुत है
दिल ही तो है
तोड़ लो शायद सुकुन
मिलता होगा तुम्हें।
हंसी चेहरे तो बहुत देखे
पर उस हसीना को देख
ये दिल बेहाल हो गया
अपने दर्द-ए-दिल को सुनाऊँ किसे,
जख़्मों को तेरे सिवा दिखाऊँ किसे,
चाहे मौत अलग कर दे मुझे तुमसे,
हिना,(पर) तेरे सिवा अपना बनाऊँ किसे।
लब – से – लब मिलने की अदावत क्यों करते हो
मुझे अपना बनाने की अदावत क्यों करते हो
रूह – से रूह मिल जाये कोई बात नहीं
जिस्म- से – जिस्म मिलाने की अदावत क्यों करते हो
अब मेरी भी अनकही बातें
सुनी जाती है।
कसूरवार हो तुम
कर्जदार हूं मैं।
तुम मिले भी
और बिछड़ भी गए
तूने झूठा मुझे कहा मैंने मान लिया
तूने मेरे जस्बात को न जाना हमने ये जान लिया।
मैं बस वो फूल हूं
जो खुशबू बिखेरता है
परंतु मेरी सुंदरता एवं सुगंध के खत्म
होते हैं, लोग मुझे छोड़ जाते हैं।
बस बात तुमने बंद की
सांसें हमने लेना बंद कर दिया
जब तक खुद पर न गुजरे
एहसास और जस्बात मजाक ही लगते हैं।
बदले तो नहीं है
पर हां ज़रूर मैं तुम्हारे लिए मर जरुर गया हूं
हाथ थामे रहना
बहुत लंबा सफर है
हकीकत ही था तुम्हारा जाना
वरना हम तो बरसों से सपना ही समझ रहे थे
गलतियां गिनवाने ज़माना आएगा
रिश्तों में दी गई कुर्बानी कौन याद रखेगा
यकीन मानिए कुछ
दूरियां रिश्तों को बचा कर
रखती है।
काफी समझदार था वो
पर मुझे समझ नहीं पाया वो
और कुछ आता है क्या तुम्हें
जब देखो याद आते रहते हो
जो तुमसे तंग आ जाए उसे छोड़ दो
बोझ बन जाने से याद बन जाना बेहतर है
वैसे तो कई पत्थर अनमोल है
पर तेरे दिल का जवाब नहीं
थोड़ा खुद में खो जाओ
तुम्हें तुम मिल जाओगे।
किसी की बाते बेमतलब सी तो
किसी की ख़ामोशी कहर है
सिलसिला यूंही चलता रहा तुम्हारे जाने के बाद
दिल से तुम्हारा ख्याल नहीं गया
सफाइयां देना तो दूर की बात है
मैंने तो अपने हक में बोलना ही छोड़ दिया है
कुछ तो राज छुपाए जाते हैं मोहब्बत में
कोई तीसरा अचानक यूंही नहीं आता।
बादशाह थे हम अपनी जिंदगी में
मुझे तेरे दीदार ने फकीर बना दिया।
नाम तुम्हारा लबो पर आया
कमबख्त ये लब्ज भी ज़ज़्बात समझते है
मोहब्बत की बात भले ही करता हो ज़माना
पर आज भी मोहब्बत मां से शुरू होती है।
बात बस इतनी थी की
हमे तुम्हारा साथ चाहिए था ज़िन्दगी भर
और तुम्हे हमारा साथ चाहिए था कुछ ही पल
रिश्ता भी अपना था
लोग भी अपने थे
आग लगाने वाले तो
गैर थे।
सुबूतों की बात होती
तो सबसे पहले तुम्हें बेनकाब करते।
हालात सिखा देते हैं बातें
सुनना और सहना।
जिंदगी का फलसफा कुछ यूं है
कि गैर भी हाल पूछ लें
तो अच्छा लगता है।
खुश हूं ये बात जानकर
की मेरा बिना तू खुश है
हमारा क्या है तेरी यादों के
सहारे ही जिंदगी का पहिया
चल रहा है।
बात जब तुम्हारी आती है
ज़ुबान लड़खड़ाने लगती है
होंठों पर नाम तुम्हारा
चेहरे पर खुशी छाने लगती है।
बस इतनी सी ख्वाहिश है कि
तुम्हारे साथ जिंदगी नसीब
हो न हो मगर जन्नत
जरुर हासिल हो।
उस रोज तेरे कांधे पर
सर रख कर सो गए
सुबह उठे तो एहसास हुआ
कि प्यार में इज्जत भी
मिलती है जब हमसफ़र
वफादार हो।
रोना नहीं आता है
न रोएंगे कभी
तेरा वादा याद है
और इस वादे को
निभाएंगे मरते दम
तक ही सही।
तूने जो हाथ थामा है
सुन ले हमसफ़र
साथ न छोड़ना अब राहों
में वरना छोड़ देंगे अपनी
सांसें तुम्हारी बांहों में।
तुमने दिल तोड़ा है
सजा ख़ुदको ही देंगे
क्योंकि तुम्हारी हंसी पर
मर मिटने की गुस्ताखी
हमने ही की थी।
रास्ते में कांटे तो
बहुत मिलें
पर तेरे कोमल स्पर्श ने
उनकी चुभन को खत्म
कर दिया है।
तुम मेरे न सही
तो कोई बात नहीं
मगर अब जिसके
भी बनो उसे मेरी तरह
छोड़कर मत जाना।
तुमसे वास्ता न
रखेंगे और इस
दुनिया भर से भी
खफा हो जाएंगे
अब जब तूने साथ छोड़ दिया
तो इस दुनिया से भी तबाह हो जाएंगे
तहज़ीब तुम हमें न सिखाओ
प्यार के इस मंजर में
इंसान पागल हो जाता है
और तब उसे किसी भी
चीज का शोक नहीं रहता
वो तो बस प्रेम में अवारा
गली-गली भटकता है।
तुम बिन गुजारा नहीं
तुम्हारे बिन जीना गवारा नहीं
मोहब्बत है सिर्फ तुमसे
क्योंकि इस दुनिया में
तुम्हारे सिवा हमारा कोई
सहारा नहीं।
तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान
तुम्हारी इस हुस्न की अदा
बस यही सब अब मुझे
गले का फंदा लगने लगी है
जब से तुम्हारी जुल्फों को
किसी दूसरे को संवारते हुए
देखा है।
इश्क की लत ऐसी लगी
कि बदनाम हमारा नाम
जमाने भर में हुआ
न होश रहा हमको
एक शख्स ने इस कदर
छुआ।
जब सब ने साथ छोड़ दिया
जब जमाने ने गलत ठहराया
तब कोने में खड़े यार ने
जिंदगी में मुश्किलों से लड़ने
का रास्ता दिखाया।
बात ये नहीं
कि तू छोड़ गया
बात ये है कि
तेरे वादों झूठे थे ?
या सच्चे?
खैर जो भी हो
सच्चाई ये है कि इन्होंने
मुझे खोखला जरूर बना दिया।
जिंदगी तेरे सिवा
और कुछ नहीं
ये तो इश्क का खुमार है
वर्ना तेरे वजूद के बिना
मैं कुछ नहीं।
कोई नहीं है अब यहां
रात भी सुनी है
दिन बेजान
लगता है बस अब ये
जिंदगी अधूरी है।
तुम परछाई सी हो
तड़पती धूप में
एक मासूमियत सी है
तुम्हारे इस रूप में
खुशकिस्मत होते हैं वो
जो तलाश बनते हैं किसी की
वरना पसंद तो कोई भी
किसी को भी कर लेता है
सुना है शौक नहीं रखते
तुम मोहब्बत का
मगर यकीन मानों
बर्बाद तुम कमाल का
करते हो।
इस दुनिया से थोड़ा संभल कर
रहा करो मेरे दोस्त
यहां लोग खुशियां छीन कर
कहते हैं खुश रहो।
तुम पास हो ये काफी है
जिंदगी की भीड़ में
दुख तो आते जाते रहेंगे।
जैसे भी थे तुम
चाहे खफा थे
रूठे थे
प्यारे थे
पर सिर्फ मेरे थे।
धुंधली पड़ गई है
तेरी यादें भी
अगर वक्त मिले तो
नई यादें बनाने जरूर
आना।
तेरी बातों का सिलसिला
कभी खत्म नहीं होता था
और अब दूरियां इतनी है कि
ख़ामोशी में ही दिन गुजर जाता है।
पता नहीं मुझे हक से
डांटने वाला
मेरी फिक्र में ख़ुद को
आधा करने वाला
सिर्फ मुझे चाहने वाला
न जाने कब मिलेगा।
दिन की रौनक
रात की चांदनी भी
चली गई जब से
तुमने इस दहलीज को
पार कर दिया है।
मोहब्बत की ऐसी दीवानगी
महबूब का हुकम चलाना
और हमारा ये फर्ज था
कि उनकी हर बात तुरंत मान
जाना।
मुझे पहले संभलना चाहिए था
उसी के बाद चलना चाहिए था
मैं चीखा और चिल्लाया बहुत था
मगर आंसू निकलना चाहिए था
फक़त चेहरों से न बदलेंगे मंजर
नजरिया भी बदलना चाहिए था।
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी
हुई होगी मुझसे वरना
दिल तोड़ने के लिए
कोई इतना वक्त बरबाद
नहीं करता।
जो बीत गया है वह दौर ना आएगा
इस दिल में सिवा तेरे कोई और ना आएगा
घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है
जिंदगी कुछ और नहीं, तेरी मेरी कहानी है।
तकदीर बनाने वाले तूने भी हद कर दी
नसीब में किसी और को लिख दिया
और दिल में चाहत किसी और
के लिए भर दी।
मेरी मोहब्बत से ज्यादा जरूरी
तुम्हारी खुशी हैं
मेरे रोने से ज्यादा जरूरी
तुम्हारी हंसी है
तुमने जिंदगी को कैसे
जीना ही सीखा दिया
तुम्हारा प्यार न मिल सका
ये मेरी बदकिस्मती है।
तुम मेरा उतना ही
सच जानते हो जितना
मैंने बताया है
ना जाने कितनी हजार कहानियां
मैंने खुद में ही छिपाई है।
बरबाद कर देती है मोहब्बत
हर मोहब्बत करने वालों को
क्योंकि इश्क हार नहीं मानता
और दिल बात नहीं मानता।
क़यामत तक याद करोगे
किसी ने दिल लगाया था
एक होने की उम्मीद भी न थी
फिर भी पागलों की तरह चाहता था।
ठुकरा दिया जमाने ने भी
अब लफ्ज़ भी न बाकी है
तुमने भी साथ छोड़ा
तुम्हारे साथ भी कई
बदले बाकी है।
इतना भी बुरा नहीं था मैं
जितना समाज ने मेरी छवि बना दी है
यूं तो मैंने इस संसार का कुछ बिगड़ा नहीं
पर बातों बनाने वालों और बेमतलब के तानों
ने मेरी शख्सियत को बिगाड़ दिया।
उतनी ही दूरी पर रहता हूं
मैं कि अब कोई दुख भी देना चाहें तो
मेरे दिल तक उसकी बात न पहुंच पाएं।
तुझे पाने की चाह तो उसी दिन छोड़
दी , जिस दिन तूने मुझे देखकर भी
अनदेखा कर दिया।
जमाना बदल गया है
अब अच्छाई करने वालों
की किस्मत में लाखों दुख है
और चालाकी से जो रास्ता बनाएं
वो चैन की बांसुरी बजाता है।
तेरी खता नहीं थी
वो तो बस कसूर
मेरा ही था जो
मैंने यकीन कर लिया
कि तुझे भी मुझसे प्यार है।
बस एकतरफा ही रह गया
प्यार मेरा
बस तेरी मजबूरियां आड़े आ गई
वरना चाहा तो तूने भी मुझे था।
बात ही बात में तुमने ये जता ही दिया
कि तुम्हारे सोच कितनी ऊंची है
और हमसे ज्यादा तुम्हारे लिए
तुम्हारे सपनों का पूरा होना जरूरी है।
धीरे-धीरे कमियां ढूंढ़ो मुझमें
यूं अचानक से हाथ छोड़ दोगे
तो मुझे खुद से नफरत हो जाएगी।
नफ़रत नहीं है तुझसे
लेकिन अब मोहब्बत भी नहीं है
बिछड़ने का दुख तो बहुत है पर अब
मिलने की चाहत भी नहीं है।
कितनी भी कोशिश क्यों ना कर लो
खुद को संभालने की
जब जिंदगी रूलाने पर आती है
तो आंसू कोई नहीं रोक पाते हैं।
कोई नहीं है अब इस जहां में
मेरा, एक तू ही सहारा था
पर अब तो तूने भी किनारा कर लिया।
नफ़रत हो जाएगी
खुद से अगर
मेरे जैसे पागलों
की तरह चाहने पर भी
आखिर में इंकार ही मिले।
तुमसे दूर जाने का
कोई इरादा न था
पर रुकते भी कैसे
जब तू ही मेरा न था।
बस इतना पता है कि
एक दिन में बहुत दूर
चला जाऊंगा पर
तब तक अपने हिस्से
के सारे रिश्ते शिद्दत
से निभाऊंगा।
माना की किसी से ज्यादा
नाराज़ नहीं रहना चाहिए
लेकिन कोई दूर रहना
चाहते हैं तो उसे हमसे
बात करने के लिए
मजबूर करना ठीक नहीं है।
अंदर खुद के झांका
तो मुझमें भी मैल है
अंजाने में ही सही
मैंने भी दुखाया
दूसरों का दिल है।
तू ये छोड़ कि कितने रहे
किस्से मेरी मोहब्बत के
तू ये देख तेरे बाद किसी को
देखा नहीं मैंने।
थोड़ा सा खुद के लिए
भी जी लिया करो
कोई नहीं आएगा
तुम्हें खुश करने के लिए।
मैं खुली किताब हूं
लेकिन तुम मुझे पड़ ही नहीं पाएं
मेरा इश्क सच्चा था
शायद तुम समझ ही नहीं पाएं।
कौन कहता है कि नेचर और सिग्नेचर
बदलता नहीं, चोट अगर हाथ पर लगे
तो सिग्नेचर बदल जाता है और
अगर दिल पर लगे तो नेचर।
हर वक्त हम गलत नहीं
होते कभी-कभी हमारे पास
वो शब्द नहीं होते जो हमारी
सच्चाई बयां कर सकें।
किसी के लिए कभी
खुद को न बदलो
जमाना ख़राब है
वो तुम्हें बदल कर
तुम्हारा साथ छोड़ जाएंगे।
हर सच जानती थी मैं
फिर भी अनजान बनकर
मुस्कुराते हुए उसका
हर झूठ सुना है।
मैं आपको इस हद तक
नजरअंदाज कर सकता हूं
कि आपको खुद की
मौजूदगी पर भी शक
हो जाएगा।
पास आने पर भी
कितने दूर से लगते हैं
वो हमारे अपने छूट जाने पर
बड़े अलग से लगते हैं।
नम आंखों के साथ भी
मुस्कराना पड़ता है
अंदर कुछ और
बाहर कुछ और
दिखाना पड़ता है।
कोई ठुकरा दे
हंसकर जी लेना चाहिए
क्योंकि मोहब्बत की दुनिया में
जबरदस्ती नहीं होती है।
जब दिल कोई अपना
तोड़ता है तो इंसान चिल्लाता नहीं
बस रोता है
अंदर से पूरी तरह टूट
जाता है।
हमेशा तुम ही कहते थे कि
“मेरा जैसा प्यार तुम्हें और कोई
नहीं करेगा”, आज जब तुम चले गए थे
तो मैं भी कहना चाहतीं हूं कि “ तुम्हारे
जैसा झूठा दिलासा भी आजतक किसी ने
नहीं दिया था।”
तुम तो अपनी बात कहकर चले गए
मेरी भी तो सुनते कुछ
यूं इस कदर अंजान की बातों पर
भरोसा कर इस कदर साथ छोड़
जाओगे ये तो हमने सोचा ही
नहीं था।
तुम पर मर मिटने की
अब ख्वाहिश दिल में दब गई है
इस क़दर दिल दुखाया तुमने मेरा
कि अब मोहब्बत से भी नफ़रत हो गई है।