Essay on Women Empowerment in Hindi: महिला सशक्तिकरण निबंध

 

प्राचीन भारत में महिलाओं की स्थिति कितनी दयनीय थी यह आज हम सभी जानते है. आजादी से पहले और बाद में भी महिलाओं को कदम पर कदम पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. भारत देश में हमेशा लोगों की सोच रही है कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है, किसी भी महिला को चाहे वो परिवार की कोई सदस्य, किसी भी उम्र की हो उसे पुरुष के अनुसार ही चलना चाहिए.

Essay on Women Empowerment in Hindi

महिलाओं के हर निर्णय वे स्वयं नहीं ले सकती बल्कि पुरुष ही उनके निर्णय लेते है. समय के साथ भारत देश में लोगों की सोच में बदलाव तो आया है, लेकिन आज भी बाकि देशों के मुकाबले भारत देश की महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. आज भी देश के कई हिस्सों पर उन पर बहुत अत्याचार किये जाते है. हमारे देश की सरकार कई कार्यक्रमों के द्वारा लोगों को महिला सशक्तिकरण के लिए जागरूप कर रही है, लेकिन इसका असर सिर्फ बड़े शहरों में ही देखने को मिल रहा है, बाकि जगह तो यह एक शब्द मात्र बन कर रह गया है.

आज महिला सशक्तिकरण एक ऐसा शब्द बन गया है जो महिला दिवस में बहुत अधिक सुनाई देता है, लेकिन अब हमारा भी कर्तव्य बनता है कि यह एक शब्द मात्र न रहे बल्कि सब इसके सही मूल्य को जाने को एकजुट होकर इस पर कार्य करें.

महिला सशक्तिकरण क्या है

सशक्तिकरण से तात्पर्य यह है कि किसी भी व्यक्ति को ऐसे जागरूप करना और उनमें ऐसी क्षमता पैदा करना जिससे वे अपने स्वयं से जुड़े निर्णय स्वतंत्र रूप से ले सकें और समाज में अपनी खुद की पहचान बना सके. आज भारत देश में महिला सशक्तिकरण की अत्यंत जरूरत है, ताकि देश की हर महिला बिना परिवार, समाज के डर से खुद के लिए बेहतर निर्णय ले सके.

महिला सशक्तिकरण क्यूँ जरुरी है

भारत देश में हमेशा से लड़का लड़की में भेदभाव हुआ है, पुरुषों को समाज में उच्च दर्जा दिया गया. महिलाओं को दबाया जाता है, उन्हें किसी भी तरह के निर्णय देने या अपनी बात रखने की आजादी नहीं होती, चाहे वो परिवार से जुडी बात हो या स्वयं से जुड़े. महिलाओं पर अत्याचार भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी होते है, लेकिन महिलाओं की सशक्तिकरण में बाकि देश कुछ हद तक आगे बढ़ गए है, जबकि भारत आज भी बहुत पीछे है

भारत देश में वैसे तो महिला को एक देवी के रूप में पूजा जाता है, लेकिन इससे यह कटाई प्रमाणित नहीं होता है कि इससे महिलाओं के जीवन में विकास हुआ है, क्यूंकि महिलाओं को तो प्राचीन काल से पूजा जा रहा है, जब सती प्रथा, दहेज़ प्रथा, बाल विवाह, देवदासी प्रथा, यौन शोषण, घरेलु हिंसा आदि चरम सीमा में होती थी. आज के समय में जब हम 21वीं शताब्दी में है तो देश की आधी आबादी महिलाओं का सशक्तिकरण हर क्षेत्र में होना चाहिए.

भले भारत देश में महिलाओं की स्थिति हमेशा से दयनीय रही है, लेकिन हर समय में और प्राचीन समय में भी महिलाओं के हक़ के लिए कई सामाजिक कार्यकर्त्ता सामने आकर खड़े हुए है. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरु हमेशा से पहिलों को आगे बढ़ाने की बात किया करते थे, वे कहा करते थे कि किसी भी देश का विकास तब संभव है

जब वहां के लोग जाग्रत होंगें और लोगों को जाग्रत करने के लिए महिलाओं का जाग्रत होना बहुत जरुरी है. एक महिला ही है जो अपने परिवार, समुदाय, समाज, गाँव को आगे बढाती है, जिससे समस्त राष्ट्र का विकास होता है, इसलिए महिलाओं का जाग्रत होना सशक्त होना बहुत आवश्यक है.

महिला सशक्तिकरण के मुख्य कारण –

  • महिलाओं के अंदर खुद को लेकर आत्म मूल्य की भावना होनी चाहिए. महिलाओं को खुद की कीमत समझनी चाहिए, तभी दुसरे उनकी कीमत समझ सकते है.
  • महिलाओं को यह अधिकार होने चाहिए कि वो स्वयं अपने अधिकार के लिए खड़े हो सके, उसे निर्धारित कर सके बिना किसी दबाब के
  • महिलाओं को भी पुरुष की तरह किसी भी क्षेत्र में सामान अवसर मिलना चाहिए, किसी भी प्रकार के संसाधन तक पहुचंने की छूट होनी चाहिए.
  • महिलाओं को अपने जीवन से जुड़े किसी भी तरह निर्णय लेने और नियंत्रित करने की पूरी छूट होनी चाहिए, चाहे वो घर के अंदर के हो या घर के बाहर के.
  • सामाजिक या आर्थिक रूप से किसी भी योगदान के लिए महिलाओं को सामान अवसर मिलना चाहिए.

महिला सशक्तिकरण में क्रांति –

२१वीं सदी में महिलाएं आज चाँद तक पहुँच गई है, माउंट एवरेस्ट चढ़ चुकी है. ऐसे में बाकि महिलाओं का भी सशक्त होना बहुत जरुरी है. महिला सशक्तिकरण से महिलाओं के अंदर एक आत्म विश्वास जागता है, जिससे वे अपने निर्णय स्वयं लेकर अपने जीवन की उस ऊंचाई तक पहुँच सकती है, जिसका उन्होंने सपना देखा है. महिला सशक्तिकरण का मतलब ही है कि आत्म निर्भर होना, अपने निर्णय बिना किसी पर निर्भर हुए लेना. आज भी देश के कई हिस्सों पर महिलाओं पर अत्याचार होते है, घरेलु हिंसा, बलात्कार, शोषण आदि होता है. इन सब के विपरीत समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है

जहाँ महिला राजनीती, कॉर्पोरेट दुनिया, बॉलीवुड आदि क्षेत्र में ऊँचे मुकाम में पहुँच गई है, वहां उसके अंदर में कई पुरुष कार्य करते है, जहाँ उस महिला के निर्णय महत्वपूर्ण होते है. ऐसे लोगों को देखकर समाज के लोगों की सोच में बहुत बदलाव आया है, आज महिला सशक्तिकरण में क्रांति आ गई है. कोई भी महिला अब दब के नहीं रहना चाहती है, वो जीवन में स्वतंत्रता चाहती है, खुल के जीना चाहती है.

महिला सशक्तिकरण के लिए दिए गए अधिकार –

  • महिलाओं को सामान अधिकार देने के लिए समाज में समान वेतन का अधिकार है, जिसके अनुसार कभी पर मजदूरी या वेतन लिंग के आधार पर नहीं बल्कि काम के आधार पर दिया जायेगा.
  • अगर किसी महिला को उसके कार्यस्थल में किसी भी तरह के शोषण का सामना करना पड़ रहा है तो सरकार ने उन्हें यह अधिकार दिया है कि वो इसके खिलाफ बिना डर के शिकायत दर्ज करा सकती है.
  • आज से कुछ समय पहले भारत देश में महिलाओं की भ्रूण की जांच की जाती थी, लिंग के आधार पर भ्रूण पर ही बच्चे की हत्या कर दी जाती थी. लेकिन अब केंद्र सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ कानून बना दिया है. अगर कोई भी ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी.
  • अब भारत देश की सरकार ने पैतृक संपत्ति पर महिला पुरुष को समान अधिकार दे दिया है, दोनों का इसमें पुरतः समान अधिकार है.
  • सरकार ने एक कानून बनाया है जिसमें अगर कोई महिला किसी आरोप में गिरफ्तार होती है, उसकी पूरी चिकित्सीय जांच किसी महिला डॉक्टर द्वारा या किसी अन्य महिला के सामने होगी.

महिला सशक्तिकरण जागरूकता अभियान –

महिला सशक्तिकरण अभियान भारत देश में बहुत समय से चलता आ रहा है, इसी का असर है कि आज देश की बहुत सी महिलाएं अपने अधिकार के लिए जागरूक हो चूँकि है. हमारे देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के बाद आज देश के कई बड़े पद पर महिला विराजमान है, जो महिला सशक्तिकरण के कारन ही है

इस अभियान को देश में और अधिक तेजी से बढ़ाने की आवश्कता है. महिलाओं में जागरूकता की बहुत आवश्कता है, इसमें दूसरी महिलाओं को ही सामने आकर इसमें हिस्सा लेना चाहिए. एक महिला दुसरे को बेहतर तरीके से समझा सकती है, और उसे समझ सकती है. महिलाओं को इस बात के लिए जागरूप होना चाहिए कि वे किसी भी तरह से पुरुष से कम नहीं है, उनको अपनी बात रखने, निर्णय लेने, स्वतंत्रता से रहने का पूरा अधिकार है.

भारत में महिला सशक्तिकरण –

भारत एक विकासशील देश है, जहाँ महिला सशक्तिकरण हो रहा है लेकिन धीमे स्तर पर. इसमें तेजी आनी चाहिए. आज भी दुसरे देश के मुकाबले भारत देश में महिलाएं बहुत पीछे है, स्वतंत्र नहीं है, महिलाओं को वो अधिकार नहीं है तो पुरुषों को है. भारत की आधी आबादी महिलाओं की है, जिसमें से कुछ प्रतिशत ही महिला श्रम कर कमाई करती है

विश्व की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की महिलाओं को भी आर्थिक रूप से कार्यभार संभालना चाहिए, इससे भारत की विकास दर बहुत अच्छी हो सकती है. लेकिन भारत में आज भी महिला रोजगार की बात नहीं होती है, बहुत कम लोग ही इससे सहमत होते है. देश में युवा बेरोजगारी तो अहम् मुद्दा है लेकिन महिला रोजगार दूर दूर तक कोई मुद्दा ही नहीं है. देश में महिला श्रमिक सहभागिता में लगातार तेजी से गिरावट आई है, ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले शहरी क्षेत्र में ज्यादा गिरावट आई है.

ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण –

ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की स्थिति बाकि क्षेत्रों के मुकाबले बहुत ज्यादा दयनीय है. भारत देश में आज भी कई जगह महिलाओं को उच्च शिक्षा नहीं दी जाती है, जिसमें गाँव में तो महिलाओं को स्कूल तक नहीं भेजा जाता है, वे अपने मन अनुसार नहीं काम कर सकती है, कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी जाती है

गाँव में महिलाओं के जागरूक होने की अत्यंत आवश्कता है. शहरों में रहने वाली महिलाएं अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य बना लेती है, लेकिन यह स्वतंत्रता आज भी गाँव की महिलाओं को नहीं है. सरकार को  महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम को ग्रामीण क्षेत्र में जोर शोर से शुरू करना चाहिए.

महिला सशक्त कैसे हो सकती है, जागरूकता कैसे आएगी –

  • वैसे तो महिला सशक्तिकरण को लेकर लोग जागरूक हो इसके लिए बहुत से उपाय है, लेकिन इसमें शिक्षा का मुख्य किरदार है. महिलाओं को शिक्षा के लिए जागरूक करना, उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान के लिए सभी सुविधा मुहैया कराना, महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके परिवार को समझाना बहुत जरुरी है.
  • महिला को हर जगह पुरुष तरह अधिकार और अपनी बात रखने की स्वतंत्रता होनी चाहिए.
  • महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनना चाहिए, जिससे महिलाओं का विकास अच्छे से हो सके.
  • महिलाओं में आर्थिक रूप से भी सशक्तिकरण आना चाहिए. अच्छी शिक्षा के द्वारा वे अच्छा भविष्य बना सके और पुरुषों के बराबर बड़े बड़े पदों पर बैठ सकें.

भारत सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए उठाये गए कदम –

भारत सरकार महिलाओं के विकास के लिए हमेशा से कार्य करते आ रही है. देश में जो सरकारें आई है सभी ने महिलाओं को आगे बढाने के लिए कार्य किये है. सरकार ने कई ऐसी योजना शुरू की है जिसमें बच्ची के जन्म से लेकर उसकी पढाई, शादी, बच्चे का जन्म, विधवा पेंशन आदि है.

  • प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
  • उज्ज्वला योजना
  • बेटी पढाओ बेटी बचाओ योजना
  • फ्री एलपीजी योजना
  • लाडली लक्ष्मी योजना
  • सुमंगला योजना
  • महिला हेल्पलाइन
  • विधवा पेंशन
  • महिला शक्ति केंद्

महिला सशक्तिकरण को लेकर आपको खुद जागरूक होकर अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए. किसी भी देश का विकास तब ही संभव है जब उस उस देश की महिलाओं का विकास होता है. देश में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलना चाहिए, महिलाओं में शिक्षा का विकास होना चाहिए, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ें

भारत देश में जहाँ पहले कई तरह की कुरुथियाँ, प्रथा चलती थी, समय के साथ यह प्रथा तो बदल तो गई है लेकिन आज भी महिलाओं का विकास अभी भी नहीं हुआ है. जैसे जैसे हम सदी में आगे बाद रहे है, जरुरी है की महिलाओं की स्थिति सुधरे, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को अच्छा जीवन मिल सके.

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